भारत की पंचवर्षीय योजनाएं(five years plans of India)
पहली योजना(1951-1956): खेती से शुरुआत
- पहली योजना में कृषि और सिंचाई पर ध्यान दिया गया।
- उद्देश्य- खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना।
- प्रमुख परियोजना- भाखड़ा नांगल बांध
- पहली पंचवर्षीय योजना को कुछ संशोधनों के साथ हैरोड-डोमर मॉडल पर आधारित थी। के. एन. राज के नेतृत्व में इसका प्रारूप तैयार किया गया था।
- प्रथम पंचवर्षीय योजना के दौरान राष्ट्रीय आय में 18% तथा प्रति व्यक्ति आय में कुल 11% की वृद्धि हुई।
- प्रथम पंचवर्षीय योजना सफल रही तथा इसका लक्ष्य 2.1% रखा गया था। जबकि इसकी वृद्धि दर 3. 6% को हासिल हुई थी।
दूसरी योजना(1956-1961): कारखाने की ओर बढ़ते कदम
- दूसरी योजना में उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया।
- भारी उद्योगों के लिए विभिन्न परियोजनाएं जैसे भिलाई, राउरकेला और दुर्गापुर इस्पात संयंत्र।
- द्वितीय पंचवर्षीय योजना पी. सी. महालनोबिस मॉडल पर आधारित थी।
- दूसरी पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य समाजवादी समाज की स्थापना करना था।
- दूसरी पंचवर्षीय योजना में लक्ष्य 4.5% से कम 4.1% विकास दर को हासिल किया गया।
तीसरी योजना(1961-1966): आत्मनिर्भर बनने की कोशिश
फिर 3 साल का ब्रेक(1966-1969)
चौथी योजना(1969-1974): न्याय और समानता की बात
चौथी पंचवर्षीय योजना की शुरुआत भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार्यकाल के दौरान शुरू की गई थी। इसके माध्यम से पीसी विफलताओं में सुधार करने का प्रयास किया गया। चौथी पंचवर्षीय योजना अशोक रूद्र व ए एस गाडगिल मॉडल पर आधारित थी।
इस योजना के तहत स्थिरता के साथ विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा प्रगति पर बहुत अधिक जोर दिया गया। इंदिरा गांधी की सरकार ने देश के 14 प्रमुख भारतीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया और हरित क्रांति ने कृषि को बढ़ावा दिया और सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम भी इस योजना के दौरान शुरू किए गए। सरकार ने इस योजना का लक्ष्य 5.7% रखा था लेकिन लक्ष्य के मुकाबले इसकी वृद्धि केवल 3.3 प्रतिशत हुई। यह पंचवर्षीय योजना भी असफल रही।
चौथी पंचवर्षीय योजना में गरीबी कम करने और आत्मनिर्भर बनने पर ध्यान दिया गया।
हरित क्रांति के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि।
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए विशेष कार्यक्रम।
पांचवी योजना(1974-1979): गरीबी हटाओ
पांचवी पंचवर्षीय योजना में कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई उसके बाद उद्योगों और खानों को वरीयता दी गई थी। इसने रोजगार बढ़ाने और गरीबी उन्मूलन पर जोर दिया।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रणाली की शुरुआत की गई थी। इस योजना के पहले वर्ष में शुरू किया गया न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम जिसका लक्ष्य बुनियादी न्यूनतम आवश्यकता प्रदान करना था। इस योजना का ड्राफ्ट डीपी धर द्वारा तैयार किया गया था। यह योजना सफल रही थी। सरकार ने इसका लक्ष्य 4.4% रखा था और लक्ष्य के मुकाबले 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की थी। वर्ष 1978 में नवनिर्वाचित मोरारजी देसाई की सरकार ने इस योजना को खारिज कर दिया था।
पांचवी पंचवर्षीय योजना के दो मुख्य उद्देश्य थे - संपत्ति को हटाना और आत्मनिर्भरता प्राप्त करना।इसकी योजना उच्च विकास दर, बेहतर आय वितरण और बचत की दर में उल्लेखनीय वृद्धि को बढ़ावा देने के माध्यम से बनाई गई थी। इसमें आयात प्रतिस्थापन और निर्यात संवर्धन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। इसके अलावा इसमें आवास, पेयजल, प्राथमिक शिक्षा आदि जैसी न्यूनतम आवश्यकताओं पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की शामिल किया गया।
पांचवी पंचवर्षीय योजना में गरीबी मिटाने और आत्मनिर्भर बनने की कोशिश की गई।
20 सूत्री कार्यक्रम और रोजगार गारंटी योजना।
छठी योजना(1980-1985): दोबारा शुरुआत
छठी पंचवर्षीय योजना में भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की थी। इस योजना का मूल उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और तकनीकी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना था। इंदिरा गांधी इस दौरान फिर से प्रधानमंत्री बनी और इस योजना को दो बार तैयार किया गया।
1978 से 1983 कार्यकाल हेतु पहली बार जनता पार्टी द्वारा अनवरत योजना की शुरुआत की गई। इंदिरा गांधी की सरकार ने 1980 में इसे समाप्त किया और छठी पंचवर्षीय योजना का फिर से सुभारंभ किया। इसी दौरान राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नोबार्ड की स्थापना की गई फैमिली प्लानिंग की शुरुआत भी इसी योजना के समय की गई। फैमिली प्लानिंग की शुरुआत भी इसी योजना के समय की गई थी। यह योजना बहुत सफल हुई थी इसका विकास लक्ष्य 5.2% रखा गया था लेकिन इसने 5.7% की दर से वृद्धि की।
छठी पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना था। इसके अलावा, इसने एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (आई आर डी पी-1979) के माध्यम से ग्रामीण गरीबी को खत्म करने और क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने का प्रयास किया।
छठी पंचवर्षीय योजना में आर्थिक विकास और रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया गया।
राष्ट्रीय आय बढ़ाने, रोजगार सृजन और उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दिया गया।
तकनीकी विकास और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश।
सातवीं योजना(1985-1990): युवाओं के लिए काम
आठवीं योजना(1992-1997): खुला बाजार नया रास्ता
नौवीं योजना(1997-2002): सबका साथ
दसवीं योजना(2002-2007): तेज विकास
11वीं योजना(2007-2012): समावेशी विकास
12वीं योजना(2012-2017): अंतिम अध्याय
निष्कर्ष
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लेखक परिचय
मैं, अनिल कुमार (अनिल चौधरी) जिसे A .K. Batanwal के नाम से भी जाना जाता है। A-ONE IAS IPS ACADEMY, सरस्वती नगर (मुस्तफाबाद), जिला यमुनानगर, हरियाणा, पिन कोड 133103 का संस्थापक और प्रबंध निदेशक हूं, साथ ही, मैं इस वेबसाइट
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