पृथ्वी (Earth in hindi)
- पृथ्वी की उत्पत्ति
- जब सौरमंडल का निर्माण हो रहा था, तब सूर्य के चारों ओर घूम रहे पदार्थ में से एक भाग ने पृथ्वी का रूप लिया।
- यह पदार्थ शुरू में पिघले हुए रूप में था, लेकिन धीरे-धीरे ठंडा होकर ठोस बन गया।
- पृथ्वी पर वायुमंडल, जल, पर्वत, महासागर आदि धीरे-धीरे बने।
- अनुमान है कि पृथ्वी की उत्पत्ति भी लगभग 4.5 अरब वर्ष पहले हुई थी।
- लाखों वर्षों बाद पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति हुई।
पृथ्वी के विकास के मुख्य चरण
1. निर्जीव पृथ्वी:-
शुरू में पृथ्वी बहुत गर्म और बिना जीवन के थी
2. जल का निर्माण
ज्वालामुखी और उल्का पिंडों के कारण जल आया
3. जीवन की शुरुआत
सबसे पहले सूक्ष्म जीवों ने समुद्र में जीवन की शुरुआत की
4. डायनासोर युग
करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर डायनासोर जैसे विशाल जीव रहते थे
5. मानव की उत्पत्ति
आज से लगभग 2 लाख साल पहले इंसानों का विकास हुआ।
पृथ्वी की गतियां(Motions of the Earth)
1. पृथ्वी का घूर्णन
2. पृथ्वी का परिक्रमण
3 ऋतुएं
4.समय क्षेत्र
1. घूर्णन गति (Rotation)
पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है जिस दिन और रात बनते हैं।
2. परिक्रमण गति (Revolution)
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 1 वर्ष (365 दिन )में एक बार घूमती है जिससे ऋतुओं का परिवर्तन होता है- गर्मी, सर्दी, वर्षा और पतझड़
3. ऋतुएं:-
गर्मी(Summer) सर्दी(Winter) वर्षा(Mansoon) वसंत(Spring) पतझड़Autumn)
पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है जिस दिन और रात बनते हैं।
2. परिक्रमण गति (Revolution)
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 1 वर्ष (365 दिन )में एक बार घूमती है जिससे ऋतुओं का परिवर्तन होता है- गर्मी, सर्दी, वर्षा और पतझड़
3. ऋतुएं:-
4. समय क्षेत्र
पृथ्वी पर 24 मुख्य टाइम जोन हैं। हर 15 डिग्री देशांतर पर एक नया समय क्षेत्र भारत का समय क्षेत्र: IST(UTC+5:30)
पृथ्वी के पड़ोसी ग्रह:-
मंगल ग्रह
संभावित रूप से जीवन का भविष्य
शुक्र ग्रह
पृथ्वी के आकार जैसा लेकिन सबसे गर्म ग्रह
पृथ्वी का उपग्रह
चंद्रमा
पृथ्वी का उपग्रह जिसकी वजह से इंसान को अंतरिक्ष की प्रेरणा मिली।
पृथ्वी का उपग्रह जिसकी वजह से इंसान को अंतरिक्ष की प्रेरणा मिली।
पृथ्वी के क्षेत्र
भूमध्य रेखा
पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में बताते हैं
ध्रुव
उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव एक
अक्षांश और देशांतर
पृथ्वी की स्थिति को मापने के लिए
पृथ्वी पर जलचक्र(Water Cycle on Earth):-
पृथ्वी पर जल निरंतर घूमता रहता है इस जलचक्र(water cycle) कहते हैं।
मुख्य चरण:-
1. वाष्पीकरण:-(Evoporation)-
सूर्य की गर्मी से पानी भाप बनता है।
2. संघनन:-(Condensation)-
भाप बादल बनाती है।
3. वर्षा:-(Precipitation)-
बादल से बारिश होती है।
4. संचयन:-(Collection)
पानी नदियों, झीलों, समुद्रों में इकट्ठा होता है।
पृथ्वी की सतही बनावट
- पर्वत
- पठार
- मैदान
- रेगिस्तान
- नदियां और घाटियां
- झीलें और समुद्री तटीय क्षेत्र
- पर्वत
- पठार
- मैदान
- रेगिस्तान
- नदियां और घाटियां
- झीलें और समुद्री तटीय क्षेत्र
1. पहाड़
- ठंडी जगह होती है।
- लोग वहां चाय ,सब जैसे फल उगते हैं।
- रास्ते कठिन होते हैं, इसलिए चलना फिरना मुश्किल होता है।
2. पठार- यहां खनिज (कोयला, लोहा आदि) मिलते हैं।
- कारखाने लगाने के लिए अच्छा होता है।
- ठंडी जगह होती है।
- लोग वहां चाय ,सब जैसे फल उगते हैं।
- रास्ते कठिन होते हैं, इसलिए चलना फिरना मुश्किल होता है।
- यहां खनिज (कोयला, लोहा आदि) मिलते हैं।
- कारखाने लगाने के लिए अच्छा होता है।
3. मैदान - सीधी और सपाट जमीन होती है।
- खेती करने के लिए बहुत अच्छी होती है।
- यहां बड़ी आबादी रहती है।
4. रेगिस्तान
- सीधी और सपाट जमीन होती है।
- खेती करने के लिए बहुत अच्छी होती है।
- यहां बड़ी आबादी रहती है।
- बहुत गर्म और सूखा होता है।
- पानी की कमी होती है।
- लोग कम रहते हैं और ऊंट का इस्तेमाल करते हैं।
5. नदी और झील- पीने का पानी, खेती और बिजली के लिए जरूरी।
- नदी के किनारे शहर बसते हैं (जैसे गंगा किनारे वाराणसी)
6. समुद्र तट - मछली पकड़ने और व्यापार के लिए अच्छा।
- लोग यहां पर्यटन के लिए भी आते हैं।
- बहुत गर्म और सूखा होता है।
- पानी की कमी होती है।
- लोग कम रहते हैं और ऊंट का इस्तेमाल करते हैं।
- पीने का पानी, खेती और बिजली के लिए जरूरी।
- नदी के किनारे शहर बसते हैं (जैसे गंगा किनारे वाराणसी)
- मछली पकड़ने और व्यापार के लिए अच्छा।
- लोग यहां पर्यटन के लिए भी आते हैं।
भू आकृति विज्ञान क्या है
यह हमें बताता है कि पहाड़, नदिया, मैदान और रेगिस्तान कैसे बने और बदलते हैं।
धरती क्यों बदलती है
1. धरती के अंदर से बदलाव (अंदर की ताकते):-
भूकंप:- जब धरती हिलती है।
ज्वालामुखी:- जब आग और लावा बाहर निकलता है।
धरती की परतों की हलचल (प्लेटो की हलचल):- जब जमीन की परतें टकराती या अलग होती है।
2. बाहर से बदलाव (बाहरी ताकते):-
पानी (Water) :-बारिश, नदियां, बाढ़ से मिट्टी कटती और जमती है।
हवा (Wind):-रेगिस्तान में रेत के टीले बनाती है।
बर्फ(Glacier):- ठंडी जगहों पर बर्फ जमीन को काटती और बदलती है।
7 महाद्वीप =उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका,एशिया , ऑस्ट्रेलिया ,अंटार्कटिका
पृथ्वी के महासागर
पृथ्वी के पांच महासागर हैं:-
1. प्रशांत महासागर (Pacific Ocean)
पृथ्वी के पांच महासागर हैं:-
1. प्रशांत महासागर (Pacific Ocean)
सबसे बड़ा और गहरा
2. अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean)
सबसे बड़ा और गहरा
2. अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean)
व्यापार मार्गों के लिए प्रसिद्ध
3. हिंद महासागर (Indian Ocean)
व्यापार मार्गों के लिए प्रसिद्ध
3. हिंद महासागर (Indian Ocean)
भारत के दक्षिण में।
4. दक्षिण महासागर (Southern Ocean)
भारत के दक्षिण में।
4. दक्षिण महासागर (Southern Ocean)
अंटार्कटिका के चारों ओर
5. आर्कटिक महासागर (Arctic Ocean)
अंटार्कटिका के चारों ओर
5. आर्कटिक महासागर (Arctic Ocean)
समुद्री स्थल रूप
जो जमीन की आकृतियां समुद्र के पानी से बनती है उन्हें समुद्री स्थल रूप कहते हैं।
यानी जब समुद्र की लहरें जमीन को काटती है या मिट्टी जमा करती है, तो उससे अलग-अलग जगह बनती है।
उदाहरण
1.समुद्र तट(Beach)
जहां रेत और समुद्र साथ-साथ होते हैं।
2. समुद्री गुफा (SeaCave)
लहरें पहाड़ को काटती है और गुफा बना देती है।
3. खाड़ी (Bay)
समुद्र का पानी जमीन के अंदर चला जाता है।
4. चट्टान (Cliff)
समुद्र के किनारे ऊंची ऊंची दीवार जैसी चट्टान
5. रेत की पट्टी (Sandbar)
जब रेत जब समुद्र में जमा हो जाती है और एक लाइन बन जाती है।
पृथ्वी पर प्रमुख प्राकृतिक चमत्कार
एवरेस्ट पर्वत
पृथ्वी की सबसे ऊंची चोटी 8848 मी
पृथ्वी की सबसे ऊंची चोटी 8848 मी
ग्रांड कैन्यन
अमेरिका का विशाल घाटी क्षेत्र
अमेरिका का विशाल घाटी क्षेत्र
अरोरा
ध्रुवीय रोशनी, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और सौर हवाओं के कारण होती है।
ध्रुवीय रोशनी, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और सौर हवाओं के कारण होती है।
पृथ्वी की रक्षा करने वाले तत्व
ओजोन परत
अल्ट्रावायलेट किरणों से रक्षा
अल्ट्रावायलेट किरणों से रक्षा
चुंबकीय क्षेत्र
सौर हवाओं से सुरक्षा
सौर हवाओं से सुरक्षा
वायुमंडल
जलवाष्प, गैसों और तापमान का संतुलन बनाए रखता है।
जलवाष्प, गैसों और तापमान का संतुलन बनाए रखता है।
पृथ्वी के नाम से जुड़े दिवस
अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस :-22 अप्रैल
पर्यावरण दिवस :-5 जून
जल दिवस :-22 मार्च
पर्यावरण संरक्षण सप्ताह :-1 से 7 जुलाई
निष्कर्ष
पृथ्वी केवल एक ग्रह नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। इसकी अनोखी भौगोलिक संरचना, जलवायु प्रणाली और जैव विविधता इसे अन्य ग्रहों से विशेष बनाती है। पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए हमें इसके प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना आवश्यक है। यदि हम पर्यावरण संरक्षण, जलवायु संतुलन और सतत विकास की दिशा में कदम उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह ग्रह सुरक्षित और जीवनदायी बना रहेगा। पृथ्वी के महत्व को समझना और इसे बचाना आज के सबसे बड़ी जरूरत है।
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लेखक परिचय
मैं, अनिल कुमार (अनिल चौधरी) जिसे A .K. Batanwal के नाम से भी जाना जाता है। A-ONE IAS IPS ACADEMY, सरस्वती नगर (मुस्तफाबाद), जिला यमुनानगर, हरियाणा, पिन कोड 133103 का संस्थापक और प्रबंध निदेशक हूं, साथ ही, मैं इस वेबसाइट
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